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JNU_Protest: Original Contents by #SarkaariAdmi

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

JNU_Protest:
तब मै इलाहाबाद में रहा करता था। उन दिनो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में गुंडागर्दी चरम पर थी। प्रशासन ने कारणो की पड़ताल की तो पाया कि कई भूतपूर्व दबंग छात्र विश्वविद्यालय के होस्टेलों में आज भी रह रहे हैं और आने वाली नस्लों को भी वही सिखा रहे। फिर क्या था Hostel-Washout की मुहिम चली। सबको निकाल देने का फरमान जारी कर दिया गया। इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ा MUIR हॉस्टल (A.N. Jha Hostel) पर जहां केवल मेधावी छात्र रहा करते थे और जिसका रेकॉर्ड था कई आईएएस - पीसीएस अधिकारी देने का और साथ ही अन्य मेधावी छात्रों पर। दबंग छात्र आज भी आराम से रह रहे क्यूकी प्रशासन की हिम्मत ही नहीं पड़ी उनसे पंगा लेने की।
आज जब जेएनयू मे हॉस्टल फीस बढ़ाने का शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे छात्रों की पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई की न्यूज़ पढ़ता हूँ तो फिर वही बात याद आ जाती है। प्रशासन की सारी सख्ती केवल मेधावियों के साथ ही है। जहां एड्मिशन का entrance टेस्ट निकालने में सबकी नानी याद आ जाती हैं, उसे कुछ छात्रों की विचारधारा को लेकर पहले बदनाम किया गया और अब उस की आड़ लेकर सब पर लठियाँ बरसाई जा रही हैं। इतने मे तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय वाले बम और सिर दोनों फोड़ चुके होते। फीस बढ़ाना न बढ़ाना प्रशासन का विवेकाधिकार है, प्रशासन की नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध या समर्थन करना छात्रों का अधिकार है, लेकिन इन मेधावियों को जानवरों की तरह पीटना किसी का अधिकार नहीं है। ये वैचारिक लड़ाई है और वैचारिक लड़ाइयाँ हिंसा के बल पर नहीं जीती जाती। आप छात्रों को मार सकते हैं उनके विचारों को नहीं।
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सरकारी आदमी
(#SarkaariAdmi)

18.11.2019



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