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Original Stories By Author (43): Dreams

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

कहानी 43: Dreams
बात उन दिनों की है जब इंजीनियरिंग एक ट्रेंड था और फेसबुक में Trending का ऑप्शन नही था। मिस सपना चौहान गोरखपुर विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में स्नातक उत्तीर्ण करते ही एक सरकारी विभाग में बतौर क्लर्क नौकरी पा गयी। घरवाले एकदम खुश थे क्योंकि अब विवाह कार्यक्रम इत्यादि में उन्हें तनिक भी अड़चन आने की संभावना नही थी। और उस जमाने में ये बहुत बड़ी बात मानी जाती थी जब वैश्विक मंदी ने नौकरियों की मांग और पूर्ति का ग्राफ सरकारी नौकरियों के पक्ष में कर दिया था। बहरहाल मैडम को नौकरी कुछ खास पसंद नही आई क्योंकि उनका उद्देश्य हमेशा से समाज सेवा रहा। सारी CL और EL कैम्प लगा के समान बांटना इत्यादि कार्यो में खप गई। एक दिन घरवालो से अपनी मंशा जाहिर कर ही दी कि मुझे समाज कार्य मे रुचि है इसलिए नौकरी करना सम्भव नही है। घरवालों की नजर में ये 3 इडियट मूवी के साइड इफ़ेक्ट से ज्यादा कुछ नही था। "अरे भाई समाज कार्य मे ही रुचि है तो सिविल की तैयारी करो और IAS/PCS बनो" का Classic सुझाव दिया गया। इच्छाओं का दमनकारी चक्र सफल रहा। तब पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी के साथ तनिक भी खिलवाड़ का विचार भी पाप माना जाता था और यहां त्यागने की बात करना आपको बुड़बक की श्रेणी में लाने के लिए पर्याप्त था। 12 अगस्त 2013 सायं 5 बजकर 31 मिनट और 27 सेकण्ड पर मैडम ने अपना निर्णय ले लिया और अत्यक्त को त्यक्त कर चल पड़ी अनिश्चित भविष्य की ओर। शुरुआती कठिनाई के बाद देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से समाज कार्य मे डॉक्टरेट करने का अवसर प्राप्त हुआ औऱ देश मे प्रगतिशील सरकार का गठन हुआ जिसकी महत्वाकांक्षी योजनाओ का केंद्र समाज का तीव्र विकास था। कालान्तर में अथक प्रयत्नों के फलस्वरूप आज मिस चौहान वैश्विक स्तर के प्रतिष्ठित संगठन में उस पद पर है जहाँ देश की नीति निर्धारण में सिविल सेवको को सलाह और मार्गदर्शन दिया जाता है ।
सफलता असफलता का तो नही पता लेकिन मिस चौहान जीवन का युद्ध 12 अगस्त 2013 सायं 5 बजकर 31 मिनट और 27 सेकण्ड पे तभी जीत गई जब लीक और सपने में उसने सपने को चुना।
--नीलेश मिश्रा


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