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Original Stories By Author (44): The Treatment

कहानी 44: The Treatment
दुरात्मा चौबे आफिस इंचार्ज थे। अधीनस्थों को सताना उनकी Hobby थी और उच्च अधिकारियों की चाटूकारिता उनकी विशेषता। जहां एक तरफ अजयानंद, विश्वजीतनन्दन, विक्रमादित्य समेत पूरा स्टाफ उनसे त्रस्त था वहीं 90° झुक के नतमस्तक होने की वजह से अधिकारी वर्ग प्रसन्न। "हां साहब हो जाएगा", "साहब बस आपका ही प्रताप है" ये उनके कुछ प्रसिद्ध वाक्यांश थे। बहरहाल एक बार अजयानंद बेचारे का एक्सीडेंट हुआ तो उसने मेडिकल भिजवाया तो भाई साहब मेडिकल दबा दिए और "Absent from Duty without information" की चिप्पी लगा के आगे बढ़ा दिए। इधर विश्वजीतनन्दन को केवल खुद की शादी में सम्मिलित होने के लिए Half Day Casual Leave ग्रांट किये। वहीं विक्रमादित्य जिसको उन्होंने हर इतवार, होली, दीवाली, ईद इत्यादि हर दिन बुला बुला के मजदूर की तरह काम करवाया और अलबत्ता खुद नही आये, उसके एक दिन CL एप्पलीकेशन 1 घंटा लेट पहुंचने पर Explaination call करके ऊपर बढ़ा दिये। पाप का 12 घड़ा भरने के बाद 13 वां भी आ चुका था। बहरहाल, 15 अगस्त का दिन था। हर बार की तरह इस बार भी चौबे जी ने झंडारोहण कार्यक्रम के बाद सबको बुला रखा था कि सब काम निपटाया जाए। सब आ के काम शुरू कर दिए है या नही ये देखने के उद्देश्य से भाई साहब कार्यालय के अंदर दाखिल हुए, अंदर लाइट पँखा सब बन्द था और घुप अंधेरा था।
"साले सब बड़े मक्कार है" ये बड़बड़ाये ही थे कि अचानक उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें किसी ने बोरा ओढा दिया है। फिर जो लात घूसा कांड हुआ उसे आमभाषा में बोरा ट्रीटमेंट के नाम से जाना जाता है। अगले दिन से भाई साहब के व्यवहार में गजब का परिवर्तन देखा गया। अब वो permanently 90° झुक के ही चलते हैं और स्टाफ के प्रति व्यवहार में बदलाव की जानकारी आप अजयानंद, विश्वजीतनन्दन और विक्रमादित्य से कर सकते हैं।
जय हिंद
--नीलेश मिश्रा
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